डा. नेमी फिर होंगे सीएमओ डा. उदयनाथ श्रावस्ती लौटे, हाई कोर्ट में अवमानना के मामले में आज है सुनवाई

लखनऊ। सीएमओ की कुर्सी पर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। 19 जून को डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित हुए तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. हरिदत्त नेमी को शासन ने बहाल कर दिया। डा. हरिदत्त नेमी फिर सीएमओ बनेंगे। देर रात डा. नेमी के शहर आने की चर्चा है। साथ ही शासन ने सीएमओ बनाए गए डा. उदयनाथ को फिर से एसीएमओ श्रावस्ती का कार्यभार संभालने को कहा है। 17 जुलाई को हाई कोर्ट में अवमानना के मामले में सुनवाई है।

19 जून को डा. हरिदत्त नेमी को शासन ने निलंबित कर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। उनके स्थान पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) श्रावस्ती के पद पर तैनात डा. उदयनाथ को कानपुर भेजा था। इसके बाद डा. नेमी हाई कोर्ट पहुंच गए, कोर्ट का स्थगन आदेश लेकर 10 जुलाई को वह सीएमओ की कुर्सी पर काबिज हो गए और करीब 30 घंटे की मशक्कत के बाद हटे। अब बुधवार को शासन ने पत्र जारी कर डा. मी के निलंबन के आदेश को स्थगित कर दिया है।

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बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे शासन की ओर से दो पत्र जारी किए गए। पहले पत्र में शासन ने डा. नेमी के निलंबन के आदेश को स्थगित करने और दूसरे पत्र में डा. उदयनाथ को अग्रिम आदेशों तक पूर्व की भांति एसीएमओ श्रावस्ती के पद पर तैनात रहने का निर्देश जारी किया गया। पत्र मिलते ही डा. उदयनाथ डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह से मिलने पहुंचे और वहां से सीधे सर्किट हाउस होते हुए श्रावस्ती रवाना हो गए। वहीं, दोपहर बाद से ही सीएमओ कार्यालय रामादेवी में फिर गुटबाजी शुरू हो गई। करीबियों के अनुसार डा. नेमी गुरुवार को सीएमओ की कुर्सी फिर संभालेंगे।

यह है पूरा मामला
डा. हरिदत्त नेमी ने 14 दिसंबर, 2024 को कानपुर में सीएमओ का कार्यभार संभाला था। 18 जनवरी, 2025 को नए डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने अस्पतालों का निरीक्षण किया तो कई कमियां मिलीं, कर्मचारी अनुपस्थित मिले। उन्होंने सीएमओ को कार्रवाई के लिए कहा, जिसे उन्होंने टाल दिया। डीएम की जांच में सामने आया कि डा. नेमी ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की।

आयुष परीक्षा में मनमानी की। वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी को वित्तीय परीक्षण व पदेन कार्यों से हटाते हुए उनके स्थान पर गैर वित्त सेवा के अधिकारी से कार्य लिए जाने के साथ ही अन्य कई आरोप लगे थे। डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने कार्रवाई की तो डा. नेमी ने डीएम व अपने कार्यालय के कई अधिकारियों पर आरोप लगाए और कोर्ट की शरण में चले गए। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उनके निलंबन पर रोक लगा दी।

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